राम रहीम रणवीर रयान, हैं मेरी संतान
मैने सबको पाला पोसा, फूँके सबमें प्राण
मेरे पंछी पौधे पर्वत, सब हैं इनके अपने
सबको मैने दी आज़ादी, सहेजें सुंदर सपने
उमंगों को लगाने दो, फिर ऊँची परवाज़
साल सत्तरवा है आया, खुलकर दो आवाज़
एक साथ एक स्वर में, भरलो आज जयकारा
‘भारत माता की जय’ से, गूँजे संसार ये सारा
माँ ऊपर, हर पंथ धर्म से
रहो देश भक्त , मन-वचन-कर्म से
पाठ पढ़ाओ देशप्रेम का, आज से तुम उनको
देशभक्ति की भर्त्सना, जो करते रात दिन को
राष्ट्रनीति और एकता की, रखो एक मिसाल
समक्ष उनके जो लूट मुझे, तुम्हे बना गये कंगाल
योग का जो मज़हब ढूँढे, नमस्कार का दीन
उस विकृत मानसिकता से, हो जाओ स्वाधीन
नवरात्र हो या रोज़ा, हैं दोनो उपवास
भाईचारे के बीच भला, आए क्यों गौ-मास
सर्वधर्म संभाव सभ्यता, सरिता मेरी अवीरल
ध्यान रहे यह पाठ तुम्हे , बहकायेगा शत्रु प्रति-पल
हरेहरे घाव मेरे, लेप मलो सिंदूरी
दृष्टि डालो राष्ट्र-ध्वज पर, यदि मन में आए दूरी
राष्टरगीत ही कॅरोल कीर्तन,है यही भजन आज़ान
इसके आह्वान पर दी , पुरखों ने तुम्हारे जान
हो तुम सब आर्यपुत्र, भारतवर्ष की शान
हिन्दुस्तानी हो सब तुम, तुम सबका हिन्दुस्तान
Bharat Mata reminds her children that she loves them equally and trusts them to Remember, Respect and Revive what she stands for!
Image Courtesy: HD Wallpapers.
Facebook Comments Box
The following two tabs change content below.
Dimple Kaul is a citizen of the free world who believes in living and letting live and loves her nation unabashedly. She does not have a preferred form or style of writing and uses poetry and/or prose based on what she wants to communicate. Some of her works are available at www.dimplehere.com.
Latest posts by Dimple Kaul (see all)
- Board Exams Results: Crossing an Important Milestone and Career Life Lessons - December 3, 2024
- An Exercise to Exorcise – Diary of a Kashmiri Pandit, Part 4 - December 3, 2024
- Diary of a Kashmiri Pandit Part 3: The Scarring Episode on KP Exodus - December 3, 2024