हिन्दू धर्म में गाय को माता के रूप में माना जाता है। कहा जाता है की जिस खूंटे पर बंधी रहती है, सुख-समृद्धि सब लाती है।
प्राचीन ग्रंथों में सात प्रकार की माताओं का वर्णन मानव जाति के लिए किया गया है: एक की अपनी मां, आध्यात्मिक गुरु की पत्नी, एक ब्राह्मण या संत की पत्नी, एक राजा की पत्नी, गाय, नर्स (देखभालकर्ता), और पृथ्वी।
गाय के बारे में इतना खास क्या है? गौमाता की सेवा करने वाले व्यक्ति के कष्ट गौमाता खुद हर लेती हैं। गाय की सेवा कभी व्यर्थ नहीं जाती। अकाल की स्थिति में भी आपके बच्चे जीवित रहेंगे अगर आपके घर में गौमाता है। गाय का दूध पवित्र है और घी बहुत सारे रोगों को जड़ से मिटाने की काम आते है। गौमाता के भाव बहुत कुछ इंसानों के भाव जैसे होते हैं।
भारत में अनेक गोशालाएं है जहा गायों की सेवा-संभाल की जाती है। यह गोशालाएं दानी सज्जनों व गो सेवकों के सहयोग से चल रही हैं। २६ मई २०१७ को केंद्र सरकार ने पशु बाजार में बूचड़खानों के लिए गाय को खरीदने और बेचने पर रोक लगा दी है। केरल में केंद्र द्वारा रोक लगाए जाने के फैसले के विरोध शुरू हो गया था जहा यूथ कांग्रेस ने सार्वजनिक रूप से एक बछड़े का सरेआम कत्ल कर दिया था। पुलिस ने यूथ कांग्रेस के रिजिल मुकुलटी और कुछ कार्यकर्ताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पूरे देश में इस क्रूरता की नींदा हुई।
फ्रीस्टाइल पहलवान योगेश्वर दत्त, ओलंपिक पदक विजेता, ने ट्वीट किया था: “जिस देश में गाय को माँ का दर्जा दिया जाता है वहीं उसका सरेआम कत्ल किया जाता है। अभी भी समय है सुधर जाओ नहीं तो इसके भयंकर परिणाम भुगतने होंगे”।
गांवों में आज भी गौमाता के साथ लोगों के बड़े नजदीकी संबंध हैं और वो उसकी बड़े प्यार व जतन से देखभाल करते हैं। हाल ही में राजस्थान हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार से गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने की मांग की है।