प्रधानमंत्री मोदी ने पूरे विश्व में भारत की प्राचीन परंपरा Yog की लहर फहरायी

Yog Narendra Modi

Yog मनुष्य को दीर्घ जीवन प्रदान करता है। यह एक जीवन-पद्धति है। भारत की प्राचीन परंपरा का एक अमूल्य उपहार है और महान् विरासत है योग। यह शरीर, मन और आत्मा को एक साथ लाने का काम करता है। इसके लाभ अनेक हैं जो केवल शारीरिक स्तर पर ही आपको लाभांवित नहीं करता  बल्कि मानसिक एवं भावनात्मक रूप से भी आप स्वस्थ होते हैं। नियमित रूप से Yog करे तो आपकी जीवन यात्रा सुख, शांति, ख़ुशी और ऊर्जा से भरी होती है।

 

यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुहिम का असर है कि पूरा विश्व २१ जून (जो वर्ष का सबसे लंबा दिन होता है) को Yog दिवस के रूप में मनाने लगे। यह दिवस पहली बार २१ जून २०१५ को पूरे विश्व में मनाया गया। नरेन्द्र मोदी ने २७ सितम्बर २०१४ को संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने भाषण में योग की महिमा वर्णन की और कहा की “यह…अपने भीतर एकता की भावना, दुनिया और प्रकृति की खोज के विषय में है। हमारी बदलती जीवन शैली में यह चेतना बनकर, हमें जलवायु परिवर्तन से निपटने में मदद कर सकता है”।

 

मोदी ने इसी भाषण के द्वारा एक अंतर्राष्ट्रीय Yog दिवस आरंभ करने का एक प्रस्ताव दिया जो संयुक्त राष्ट्र ने ९ महीने बाद २१ जून को ‘अंतरराष्ट्रीय योग दिवस’  घोषित किया। संयुक्त राष्ट्र के १९३ सदस्यों ने मोदी के प्रस्ताव का समर्थन किया था।

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कहना है कि Yog एक ऐसा पथ है जिसको लेकर पूरे विश्व को एक सूत्र में बांधा जा सकता है। उनकी इस पहल से आज पूरा विश्व भारत की प्राचीन परंपरा को नियमित रूप से अनुसरण कर रहा है। २१ जून ही नहीं; जून की शुरुआात से ही विश्व के कोने कोने में यह दिवस मनाया जा रहा हैं।

 

बाबा रामदेव ने भारत के पहले अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को यादगार बनाने और पूरे विश्व को इसके प्रति जागरूक करने के लिए इस आयोजन की खास तैयारियां की थी। उनका ३५ मिनट का विशेष Yog पैकेज सफल रहा। पहले अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस में ही भारत ने दो विश्व रिकार्ड कायम कर लिए थे।

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Manoshi Sinha is a writer, history researcher, avid heritage traveler; Author of 8 books including 'The Eighth Avatar', 'Blue Vanquisher', 'Saffron Swords'.
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