ईट का जवाब पत्थर से और बम का जवाब मिसाईल से: योगेश्वर दत्त
कश्मीर में श्रीनगर-जम्मू हाइवे पर लश्कर के आतंकवादियों ने अमरनाथ यात्रियों पर हमला किया १० जुलाई की रात ८:२० पर। यात्रिया बस में सफर कर रहे थे; यह बस अनंतनाग में अमरनाथ के दर्शन करके लौट रही थी। इस हमले में सात श्रद्धालुओं की मौत हुई और १९ घायल हुए। आतंकवादियों ने सिर्फ यात्रियों पर ही हमला नहीं किया बल्कि पुलिस कर्मियों को भी निशाना बनाया। उस बस में ज्यादा श्रद्धालु गुजरात के थे जिन्हें इलाज के बाद वायुसेना के विमान से वापस भेजा गया।
फ्रीस्टाइल पहलवान योगेश्वर दत्त, ओलंपिक पदक विजेता, ने इस हमले की नींदा करते हुए ट्वीट किया था: निर्दोष् लोगों की बार बार मौत अब और बर्दास्त नही होगा। ईट का जवाब पत्थर से और बम का जवाब मिसाईल से यही रास्ता बचा है अब बस।
शुरू में आई खबरों के मुताबिक अमरनाथ यात्रा हमले के वक्त बस सलीम चला रहे थे – यह खबर पूरी मीडिया और सोशल मीडिया में छा गयी थी। सलीम ने खुद बताया था कि गोलियां चलने के बावजूद उन्होंने बस नहीं रोकी और वो तभी रुके, जब उन्हें सेना के जवान दिखे। बाद की खबरों में यह दावा किया गया कि बस सलीम नहीं, बल्कि हर्ष देसाई चला रहे थे। जम्मू-कश्मीर के गवर्नर ने सलीम को छह लाख रुपए के इनाम की घोषणा की। विजय रूपानी, गुजरात के मुख्यमंत्री ने भी सलीम के लिए ब्रेवरी अवॉर्ड की घोषणा की है।
हाल ही में जम्मू कश्मीर की पुलिस ने छह सदस्यों की स्पेशल एसआईटी का गठन किया जो अमरनाथ यात्रियों पर हुए आतंकी हमले की जांच कर रही है। पुलिस ने पुलवामा के रहने वाले तौसीफ अहमद और दो और लोगों को हिरासत में लिया है। उनको तौसीफ और आतंकवादियों के बीच कुछ संपर्क के सबूत मिले हैं।
तौसीफ अहमद जम्मू कश्मीर पुलिस के सिक्यॉरिटी विंग की जवान था। ७ महीने पहले ही सिक्यॉरिटी विंग से हटाकर पुलवामा के रहने वाले पीडीपी के विधायक एजाज अहमद के ड्राइवर के रूप में तैनात हुआ था। आरोपी ड्राइवर के लिंक आतंकवादियों से होने की आशंका जताई जा रही है।