Rohingya मुसलमानों पर दुनिया हमको नसीहत ना दे – किरेन रिजीजू
कुछ साल पहले म्यांमार से भगाए गए बहुत सारे Rohingya मुसलमानों को कांग्रेस सरकार के समय कश्मीर समेत कुछ स्थानों पर गैर कानूनी तरह से बसाया गया | यह वह लोग थे जिन्हें म्यानमार के बौद्धों ने अपने देश से निकाल दिया था तथा पाकिस्तान , सऊदी अरब तथा बांग्लादेश ने तक रखने से इनकार कर दिया था | सोचने वाली बात यह है की दुनिया के सबसे अधिक शांतिप्रिय बौद्ध धर्म के लोगों के साथ आखिर ऐसा कुछ तो घटा होगा जिसके कारण उन्होंने यह कड़ा फैसला लिया |
आज भारत दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी आबादी वाला देश है | तथा दुनिया में इंडोनेसिया के बाद सबसे अधिक मुसलमान भी इसी देश में रहते हैं | जिस देश में पहले से इतनी अधिक आबादी हो तथा जिस समय दुनियाभर में आतंक का साया मंडरा रहा हो वहां दूसरे देश से निकाले गए लोगों को बसाना कहाँ तक उचित है | वो भी तब जब दूसरे देश ने उन्हें इसी कारण से निकाला है क्योंकि उनके देश में इन्होने अराजकता फैला रखी थी |
हाल ही में पहली बार भारत सरकार ने इस पर कड़ा रुख अपनाते हुए यह फैसला किया की Rohingya को भारत में रहने की अनुमति नहीं दी जायेगी | इसपर आतंकी याकूब मेनन के लिए रात को कोर्ट खुलवाने वाले प्रशांत भूषण ने कोर्ट में यह याचिका दायर कर दी की रोहिंग्या को भारत में ही रहने देना चाहिए | इसका समर्थन शशि थरूर ने भी ट्वीट करके किया | देशभर में इस बात का कड़ा विरोध हुआ तथा सुब्रामनियम स्वामी ने टाइम्स नाउ के एक साक्षात्कार में कहा की – ‘क्या भारत कोई धर्मशाला है जिसमे कोई भी कभी भी आकर रहने लगेगा|’
किरेन रिजीजू ने कुछ दिनों पहले यह साफ़ कर दिया था के Rohingya को भारत में नहीं बसाया जाएगा | इस पर कई वामपंथी और जेहादी गुटों में खलबली मच गयी थी | यही नहीं दुनिया के मानवाधिकार वाले अखबार भारत को ज्ञान देने लगे थे की भारत को यह नहीं करना चाहिए तथा इसके ऊपर कई खबरे भी छपी थीं जैसे –
इसपर कल मंगलवार को किरेन रिजीजू ने अपना बयान जारी करते हुए साफ़ तौरपर कह दिया की – दुनिया हमें मानवता का ज्ञान ना दे | दुनियाभर के शर्णार्थियो को भारत सदियों से जगह देता आया है और Rohingya मामले में सरकार को जो फैसला लेना है वो वही लेगी | पहली बार भारत की सरकार ने इस तरह का कड़ा रुख अपनाया है, यह तारीफ के काबिल है | देखना यह है की अब यह मामला कहाँ तक जाता है |
Featured image courtesy: YouTube and Livemint.
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