भूला हुआ इतिहास-A Poem on Islamic Invasion of India
आओ मैं एक रक्त रंजित कथा सुनाता हूँ
चित्त जो झकझोर दे वो इतिहास बताता हूँ
दूर अरब से उठी थी धूल,
मतांध हुए चरवाहों की
फौज बना जो निकल पड़े,
और निकली पीड़ितों की आहों की
फारस को रौंदा, स्पेन को कुचला
शैतानी जत्था सिंध भी आ पहुंचा
यहां से शुरू हुए भारत वर्ष के संघर्ष का, मैं सार बताता हूँ
चित्त जो झकझोर दे, वो इतिहास बताता हूँ
शैतानी जत्था सिंध आ पहुंचा, दो बार नाकाम हुआ
तीसरी दफे मिली सफलता पर, क़त्ल ए आम सुनाता हूँ
छछ पुत्र वो सिंध वीर, अकेला ही लड़ा था
दाहिर नाम, शस्त्र थाम
ब्राम्हणाबाद रक्षार्थ, दुर्ग द्वार पर पाल सा अड़ा था
पुत्र की वीरगति, और माँ पर अति
का वीभत्स काल सुनाता हूँ
भारत भूमि पर प्रथम जिहाद का, विध्वंस दिखाता हूँ
साठ सहस्र बलिदान हुए, ध्वस्त जो देवस्थान हुए
शेष सिंधी आमजन, जो मजबूरन बेईमान हुए
सभ्यता जननी भूमि का, मर्दन मान सुनाता हूँ
दाहिर की दो बेटियां, कासिम का शिकार हुईं
पर छल से मरवा दुर्दांत, अमर वो हिंदू नार हुईं
दमिश्क में वेश्या बनायी हिंदू बेटियों का ,
हृदय विदारक आलाप सुनाता हूँ
चित्त जो झकझोर दे, वो इतिहास बताता हूँ
आप भी बच पाए थे कहाँ,
शैतान से जा मिलने वाले
मठों में ही कटे भिक्षुओं, लुटी भिक्षुणीओं का संताप सुनाता हूँ
भाई भाई बीच खाई हो, तो हानि कितनी स्थायी हो,
इसका सिंध इतिहास बतौर प्रमाण बताता हूँ
चित्त जो झकझोर दे, वो इतिहास सुनाता हूँ
ज़ाहिर है रुकी नहीं यही तक, खलीफा ए इस्लाम की सेना
आ पहुंचा महामद दानव, पूर्वज सनातनियों ने जाना
पर निःसंतान हुई नहीं थी, अभी भारत माता
प्रतिहार शिरोमणि नागभट्ट, बना शत्रु का मोक्ष दाता
हुआ धर्म युद्ध आर्य भुजाबल का, अरबों के मतोन्माद से
मरु रण में पड़े म्लेच्छों के, तुम्हें शव दिखलाता हूँ
भारत वर्ष के संघर्ष का प्रथम विजयगान सुनाता हूँ
हिंदू खड़ग का भय ऐसा, अब अरबों में भरा था
शताब्दियां दो बीत गयीं, पर अब तक पुनः न पग धरा था.
Featured image courtesy: kalKeNews.com.
Disclaimer: The views expressed here are solely of the author. My India My Glory does not assume any responsibility for the validity or information shared in this article by the author.
The following two tabs change content below.
Sangraam S is a Nationalist. Justice for Hindus is all he asks for.