मोरब्रोस: मेडिकल इंडस्ट्री में लहराया सफलता का नया परचम
सफलता किसे अच्छी नहीं लगती ! सफलता मिलने के बाद कितनों ही के पांव डगमगा जाया करते हैं, कितनों ही के पांव थम जाया करते हैं. पर जिनके कदम थमा नहीं करते, जिनके अंदर सफ़लता पाते रहने का बस जुनून ही जुनून समाया होता है, उस सफलता का उत्सव नया उत्साह भरता है.
एक छोटे से कमरे का आलीशान दफ़्तर में तब्दील हो जाना आसान नहीं होता. पर मोरब्रोस के जुनून, मेहनत और लगातार चलते रहने की ज़िद ने इस तब्दीली को सच कर दिखाया. एक भाई जो वृक्ष बनकर उभरा, उसे उनके दो भाइयों ने खाद, पानी और हवा देकर वटवृक्ष में तब्दील कर दिया. आज उसी वटवृक्ष के साये तले सैंकड़ो परिवार सुकून की ज़िंदगी बसर कर रहे हैं.
Morbros Sales Office and the Mor Brothers
बड़े भाई श्री नानू राम मोर को यह दृढ़ विश्वास था कि वो रौशनी की दुनिया में नाम कमाएंगे, इसलिए उन्होंने तमाम विपरीत परिस्थितियों से जूझकर कंपनी की आधारशिला रखी. लगातार बाजार में डटे रहे. छोटे भाई श्री दिलशेर मोर कंपनी का एक मजबूत स्तम्भ बनकर उभरे. उनकी मेहनत और कर्मठता ने कंपनी को नया विस्तार दिया. भाइयों में सबसे छोटे भाई श्री मनोज मोर की जुदा सोच ने कंपनी को सफलता के नए शिखर पर ला खड़ा किया. श्री मनोज मोर की तीव्र इच्छाशक्ति, जज़्बे, जुनून, वक़्त के साथ चलते रहने के हुनर और नित नए प्रयोगों ने मोरब्रोस को तूफानी रफ्तार प्रदान की.
कहते हैं हर सफल इंसान के पीछे एक स्त्री का हाथ होता है, और यहां यह बात भी बिल्कुल सच है. मोरब्रोस को आगे बढ़ाने और उसे एक नए स्तर तक पहुंचाने में श्रीमती अनामिका सिन्हा ने कोई कसर नहीं छोड़ी. उन्होंने अपनी सहनशीलता को अपना हथियार बनाया और कुशल प्रबंधन क्षमता का परिचय देते हुए पूरी शिद्दत और लगन के साथ जुटी रहीं. मोरब्रोस को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलायी. स्त्री शक्ति की क्षमता में यक़ीन रखने वालीं श्रीमती अनामिका सिन्हा के पास एक कुशल टीम है और इस टीम में शामिल सभी लड़कियां उत्साह और ऊर्जा से भरपूर हैं.
श्रीमती अनामिका सिन्हा and टीम
बीते वक़्त की याद से ही मोरब्रोस की आँखे चमक उठती हैं. राजधानी दिल्ली में छोटे से कमरे का एक किराये का मकान, जिसमें इकलौते स्टाफ के तौर पर श्री नानू राम मोर ने मेडिकल इक्विपमेंट्स के लिए कुछ करने की ठानी. उन्होंने ऑपरेशन थियेटर टेबल और एलईडी ओटी लाइट्स का काम शुरू किया. व्यापार में अनिश्चितता जितनी अधिक थी, उससे कहीं अधिक आगे बढ़ने का अटल निश्चय था उनके भीतर.
शुरुवात से ही मोरब्रोस ने प्रोडक्ट क्वालिटी पर इतना अधिक ध्यान दिया की बाजार को उनपर विश्वास हो चला, और यह विश्वास इतना अधिक गहरा हो चला कि मोरब्रोस मौजूदा वक़्त में ओटी टेबल और एलईडी ओटी लाइट्स बनाने वाली भारत की सबसे बड़ी कंपनी बन चुकी है. बेहतरीन मैनुफैक्चरिंग के लिए मोरब्रोस के खाते में कई अवार्ड आ चुके हैं. आज मोरब्रोस के पास पाँच से भी अधिक मैनुफैक्चरिंग यूनिट है, जहाँ 200 से भी ज्यादा स्टाफ मोरब्रोस के लिए काम कर रहे हैं. राजधानी दिल्ली में मोरब्रोस का नवीनतम सेल्स ऑफिस ग्राहकों की सेवा और प्रोडक्ट क्वालिटी के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है.
हमेशा मशीनों के बीच वक़्त बिताने वाले मोरब्रोस का हृदय कभी मशीन नहीं हुआ. उन्होंने टीम के हर सदस्य का ध्यान रखा, उनके मनोभावों को समझा. उन्हें हमेशा उत्साहित, प्रोत्साहित किया. मोरब्रोस का ध्यान हमेशा टीम वर्क में रहा. लोगों को जोड़ने में रहा. यही कारण है कि जो भी व्यक्ति मोरब्रोस से शुरुवाती तौर पर जुड़े, वो अबतक जुड़े हैं.
हम आशा करते हैं कि मेडिकल इन्डस्ट्री में मोरब्रोस का परचम सदा लहराता रहे. मोरब्रोस सफलता के नित नए कीर्तिमान गढ़ता रहे. इन्हें अच्छे लोगों का साथ मिलता रहे. ऐसे उत्सवों का आयोजन होता रहे. गुड लक, गॉड ब्लेस मोरब्रोस !!